Adventure girl (paratrooper SHIVA RAJPUT)
Dream - UNIFORM ''कुछ काम करुं मैं ऐसा इस देश का नाम करुं'' सभी को नमस्ते,
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मेरा नाम शिवा राजपूत है और मेरा निवास स्थान ग्राम नांदिया( गोटेगांव) जिला नरसिंहपुर में है। मेरे पिता श्री राजनारायण सिंह है जो एक शिक्षक है।
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बचपन में परिवार से कुछ बच्चों को पढ़ाई के लिए गांव से शहर में दाखिला करवाया गया जिसमें मुझे भी चुना गया और वहां से शुरू हुआ मेरा एक नया सफर। स्कूल में भी खूब खेला और पुरस्कार प्राप्त किए
मेरी बचपन से ही हर तरह की गतिविधियों में भाग लेने में रुचि रही है बचपन का एक किस्सा बताती हैं मां कि बचपन में मेरे एक पसंदीदा कपड़े हुआ करते थे जिन्हें नाम दिया था मैनें ''मेरे पुलिस वाले कपड़े''। और जब अपने लिए एक सपना चुनने की बारी आई तब भी
"यूनिफॉर्म" को ही चुना। 2013 में जब कॉलेज पहुंची तो वहां मैंने आर्मी ऑफिसर द्वारा एनसीसी की और आर्मी के बारे में जानकारियां प्राप्त दी जा रही थी और तब मैंने भी एनसीसी जॉइन की और और वहां से शुरू हुआ मेरा सबसे प्यारा सफ़र। एनसीसी एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है जिससे आप जीवन में अनुशासन और एकता के साथ साथ बहुत कुछ सीख सकते हो।
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मेरा चयन कॉलेज में सीनियर के तौर पर हुआ और जब हम पहले कैंप मैं पहुंचे तो वहां भी स्पोर्ट्स सीनियर चुना गया। इसके बाद लगातार कई काम किए और उसके साथ बहुत सारी गतिविधियां जैसे टेंट पिचिंग , फायरिंग, मैप रीडिंग, ऑप्टिकल,परेड , हेल्थ एंड हाइजीन भी शामिल थे। पहली बार जब फायरिंग की तो 5 सेंटीमीटर का ग्रुप बनता था और प्रैक्टिस के बाद 2.7cm तक भी पहुंचा और ऑप्टिकल को 36 second में पार किया और उसके बाद फायरिंग एंड ऑप्टिकल में मुझे कमांडिंग ऑफिसर के द्वारा फायरिंग & ऑप्टिकल में मैरिट सर्टिफिकेट दिया गया। 2014 में पैरा जंप के लिए चुनी गई जिसमें एयरक्राफ्ट AN-32 (aeroplane) से पैराशूट [main parashoot 15 kg or reserved parashoot 6 kg ] के द्वारा मुझे 3 जंप 1250 फीट की ऊंचाई से करने का मौका मिला। जिसमें बहुत सारी चुनौतियां सामने आई और उन चुनौतियों को हमने अपने इंस्पेक्टर के गाइडेंस में पार किया।
इस कैंप में भारत से 20 लड़कियां चुनी गई जिसमें मेरा भी चयन हुआ। हमारा यह कैंप आगरा के पैरा ट्रेनिंग स्कूल(air force )Agra मैं हुआ जिसमें हमें आर्मी ऑफिसर के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिला।
एडवेंचरस एक्टिविटी मुझे हमेशा से ही पसंद नहीं है पर यह अनुभव थोड़ा अलग था हमें ऐसा लगता था कि हम एक सैनिक हैं और हमने कहीं ना कहीं एक सैनिक का जीवन जिया है और एक अच्छे व्यक्तित्व की प्रेरणा भी हमें मिली और यह अनुभव हमें एनसीसी के द्वारा प्राप्त हुआ। और कई अन्य कैंप TSC , Trekking camp जो पश्चिम बंगाल( कंचनजंगा बागान ट्रैक) पर हमने 5000 Ft तक चढ़ाई चढ़ी जिसमें मुझे कैप्टन चुना गया और साथ ही साथ बेस्ट ट्रैकर का अवार्ड भी मिला और इस कैंप में विभिन्न प्रदेशों से आए सभी कैडेट अपनी अपनी संस्कृति को प्रस्तुत किया।
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इन सबके लिए मुझे एनसीसी ग्रुप हैडक्वाटर से एप्रिसिएशन सर्टिफिकेट दिया गया जिसमें मेरे माता-पिता को भी सम्मानित किया गया और साथ ही साथ कॉलेज में भी बेस्ट कैडेट ,बेस्ट कमांडिंग और प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया।
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और कॉलेज खत्म होने के बाद कॉलेज में गेस्ट के रूप में भी बुलाया गया।
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अभी भी एनसीसी लाइफ से जुड़ी हूं और यह सफर अभी भी बना हुआ है और चाहूंगी कि जीवन में एडवेंचरस एक्टिविटीज में हमेशा शामिल होती रहूं और हमारी लाइफ में कुछ एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी शामिल होना आवश्यक भी है ।
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मैंने यूपीएससी एसएसबी का इंटरव्यू दे चुकी हूं और अभी वर्तमान में एमपीपीएससी की तैयारी कर रही हूं सफर में हूं और यह सफर मंजिल मिलने तक जारी रहेगा और मंजिल पाने के बाद फिर एक सफर में रहूंगी क्योंकि कहते हैं ना मंजिल से ज्यादा सफर को खूबसूरत बनाना जरूरी है।
"तो फिर आप भी अपनी लिए एक सफर चुनिए और उस सफर में चलिए। हो सकता है बहुत सारी परेशानियां आए बहुत सारे लोग आपको अपनी मंजिल से दूर करने की कोशिश भी करें लेकिन एक बात हमेशा याद रखिए कोई साथ दे या ना दे अगर आप अपने साथ हैं तो आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कोई नहीं रोक सकता। आपकी पहली जरूरत आप खुद हैं इसलिए अपने सफ़र में चलिए अपने ही साथ।"
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